Diwali 20 या 21 अक्टूबर कब मनाई जाएगी दिवाली :- इस बार की दिवाली को लेकर देशभर में बड़ी उत्सुकता है, लेकिन इसके साथ ही लोगों के मन में एक सवाल भी है — आख़िर दिवाली 2025 किस दिन मनाई जाएगी? क्योंकि इस बार कार्तिक अमावस्या दो दिनों तक पड़ रही है, जिससे त्योहार की सही तिथि को लेकर भ्रम बना हुआ है। आइए जानते हैं दिवाली की सटीक तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
Diwali 2025 मुख्य बातें एक नज़र में
| विषय | जानकारी |
|---|---|
| त्योहार का नाम | दिवाली (Deepawali 2025) |
| अमावस्या तिथि आरंभ | 20 अक्टूबर 2025, दोपहर 3:44 बजे |
| अमावस्या तिथि समाप्त | 21 अक्टूबर 2025, शाम 5:54 बजे |
| शुभ प्रदोष काल | 20 अक्टूबर की रात |
| पूजा योग्य दिन | 20 अक्टूबर 2025 (सोमवार) |
| विशेष संयोग | 62 साल बाद दो दिन की कार्तिक अमावस्या |

Diwali 2025 की सही तारीख क्या है?
ज्योतिषियों के अनुसार, इस वर्ष कार्तिक अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर को दोपहर 3:44 बजे शुरू होकर 21 अक्टूबर को शाम 5:54 बजे तक रहेगी।
दिवाली मनाने के लिए प्रदोष काल और निशीथ काल दोनों का होना आवश्यक माना जाता है, और ये दोनों ही मुहूर्त 20 अक्टूबर को पड़ रहे हैं।
इसलिए, दिवाली 2025 की सही तिथि 20 अक्टूबर (सोमवार) मानी जा रही है।
21 अक्टूबर को अमावस्या तिथि समाप्त हो जाएगी, इसलिए इस दिन दिवाली का पर्व मनाना शास्त्रसम्मत नहीं होगा।
ऐसी स्थिति 1962 और 1963 में भी बनी थी, जब कार्तिक अमावस्या दो दिनों तक रही थी।
दिवाली पर क्यों की जाती है लक्ष्मी–गणेश पूजा?
हिंदू परंपरा के अनुसार, दिवाली की रात मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की संयुक्त पूजा का विशेष महत्व है।
ऐसा माना जाता है कि इस दिन विधिपूर्वक पूजा करने से घर में धन, सुख और समृद्धि का आगमन होता है।
यह रात अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है, इसलिए दीप जलाने से सकारात्मक ऊर्जा पूरे वातावरण में फैलती है।
Diwali 2025 पर लक्ष्मी–गणेश पूजा विधि
- पूजा के लिए घर को साफ़-सुथरा करें और पूर्व या ईशान कोण में लकड़ी की चौकी रखें।
- चौकी पर लाल या गुलाबी कपड़ा बिछाएं और उस पर भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की मूर्तियां स्थापित करें।
- गंगाजल का छिड़काव करें और दीप प्रज्वलित करें।
- गणेश जी की पूजा के बाद मां लक्ष्मी की पूजा करें।
- उन्हें फल, फूल, मिठाई, धूप और इत्र अर्पित करें।
- आरती के बाद घर के हर कोने में दीपक जलाएं —
- मुख्य द्वार पर 5, 7 या 11 दीपक,
छत, तुलसी के पास और नल के समीप भी दीप जलाना शुभ माना जाता है।
इस बार दिवाली पर दुर्लभ संयोग
ज्योतिषीय गणनाओं के मुताबिक, 62 साल बाद ऐसा योग बन रहा है जब कार्तिक अमावस्या दो दिनों तक रहेगी।
इस विशेष संयोग में लक्ष्मी पूजा का प्रभाव कई गुना अधिक माना जाता है।
जो लोग 20 अक्टूबर की रात प्रदोष काल में पूजा करेंगे, उन्हें अखंड लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होगा।
विषय जानकारी
त्योहार का नाम दिवाली (Deepawali 2025)
अमावस्या तिथि आरंभ 20 अक्टूबर 2025, दोपहर 3:44 बजे
अमावस्या तिथि समाप्त 21 अक्टूबर 2025, शाम 5:54 बजे
शुभ प्रदोष काल 20 अक्टूबर की रात
पूजा योग्य दिन 20 अक्टूबर 2025 (सोमवार)
विशेष संयोग 62 साल बाद दो दिन की कार्तिक अमावस्या
निष्कर्ष
दिवाली 2025 इस बार 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
शास्त्रों के अनुसार, इसी दिन प्रदोष और निशीथ काल में लक्ष्मी–गणेश पूजा करना सर्वश्रेष्ठ रहेगा।
यह दिन न केवल प्रकाश का पर्व है, बल्कि आध्यात्मिक शुद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का उत्सव भी है।
