उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए सरकार एक नया सेवा निगम बनाने जा रही है। जानिए इसका क्या होगा असर, कितना मिलेगा वेतन और कब होगा गठन?
क्या है यूपी आउटसोर्स सेवा निगम की योजना?
उत्तर प्रदेश सरकार एक नए ढांचे की ओर कदम बढ़ा रही है, जिसका उद्देश्य प्रदेश के लाखों आउटसोर्स कर्मचारियों के अधिकारों की सुरक्षा करना है। सरकार एक “आउटसोर्स सेवा निगम” (Outsource Seva Nigam) बनाने की तैयारी में है, जो आउटसोर्स भर्ती और उनके कार्य संचालन की निगरानी करेगा।
इस कदम से कर्मचारियों को सिर्फ एक तय मानदेय नहीं मिलेगा, बल्कि उनके साथ हो रहे शोषण पर भी अंकुश लग सकेगा।

कर्मचारियों को मिलेगा ₹18,000 का न्यूनतम वेतन
नई योजना के तहत सरकार ने न्यूनतम ₹18,000 प्रति माह मानदेय तय करने का प्रस्ताव रखा है। यह वेतन सीधे आउटसोर्स सेवा निगम के माध्यम से दिए जाने की मांग भी उठ रही है, ताकि एजेंसियों के माध्यम से होने वाले शोषण को रोका जा सके।
क्या कहती है राज्य कर्मचारी परिषद?
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे.एन. तिवारी ने 22 मई को मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव से मुलाकात कर कर्मचारियों की चिंता जताई। उनका साफ कहना है कि मानदेय का भुगतान एजेंसियों के बजाय निगम से होना चाहिए, जिससे पारदर्शिता बनी रहे और कर्मचारियों को उनका पूरा हक मिले।
विभागों के सुझाव और प्रक्रिया की स्थिति
फिलहाल योजना के ड्राफ्ट पर परामर्शी विभागों—कार्मिक, न्याय और अन्य संबंधित विभागों—ने अपने सुझाव दे दिए हैं। इनमें यह भी शामिल है कि मौजूदा भुगतान प्रक्रिया (एजेंसी के माध्यम से) को बरकरार रखा जाए।
अब यह प्रस्ताव सचिवालय प्रशासन विभाग में विचाराधीन है और मुख्य सचिव की समीक्षा के बाद इसे मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। अंतिम मुहर कैबिनेट की मंजूरी से लगेगी।
निगम गठन की प्रक्रिया: कहां तक पहुंची?
- ड्राफ्ट तैयार: हां
- विभागीय सुझाव प्राप्त: हां
- मुख्य सचिव का मार्गदर्शन शेष
- कैबिनेट मंजूरी बाकी
- संभावित घोषणा: जल्द
क्यों जरूरी है आउटसोर्स सेवा निगम?
- कर्मचारियों के साथ हो रहे शोषण को रोकना
- वेतन भुगतान की पारदर्शी प्रक्रिया लागू करना
- नियोजन में एकरूपता और जवाबदेही सुनिश्चित करना
- राज्य सरकार की नौकरियों में आउटसोर्स व्यवस्था को मजबूत बनाना
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निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए यह योजना एक बड़े बदलाव का संकेत है। यदि प्रस्तावित सुधार और वेतन संरचना को लागू किया गया, तो लाखों युवाओं को न सिर्फ नौकरी की सुरक्षा मिलेगी बल्कि उन्हें सम्मानजनक वेतन और बेहतर कार्य वातावरण भी मिल सकेगा।
FAQs for आउटसोर्स सेवा निगम
Q1: यूपी आउटसोर्स सेवा निगम कब तक बनेगा?
अभी प्रस्ताव कैबिनेट मंजूरी की प्रतीक्षा में है, गठन जल्द हो सकता है।
Q2: कर्मचारियों को कितना वेतन मिलेगा?
न्यूनतम ₹18,000 प्रतिमाह देने की सिफारिश की गई है।
Q3: भुगतान किसके माध्यम से होगा?
सरकार की मंशा निगम से भुगतान की है, लेकिन विभागों ने एजेंसी मॉडल को बरकरार रखने का सुझाव दिया है।
Q4: क्या इससे आउटसोर्स कर्मचारियों को फायदा होगा?
हां, इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और कर्मचारियों को शोषण से राहत मिलेगी।
Q5: इस निगम का उद्देश्य क्या है?
आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्तियों की निगरानी और वेतन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना।
